मेड़ता रोड ,जारोड़ा खेडूली मार्ग के बीच बुधवार रात हिरण शिकार की घटना के बाद वन विभाग के अधिकारियों के मौके पर नहीं पहुंचने पर गुरुवार को ग्रामीणों व वन्य जीव प्रेमियों का गुस्सा फूट पड़ा। दोपहर में लोगों ने यहां मेड़ता रोड थाने के बाहर हिरण का शव रख कर प्रदर्शन किया। नागौर से आए रेंजर द्वारा दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही का आश्वासन देने पर दोपहर बाद हिरण का शव उठाकर पोस्टमार्टम करवाया गया। जेसास चौराहे के पास बुधवार रात करीब साढ़े दस बजे बंदूक से फायर की आवाज सुनकर जगदीश व भूरा राम पोटलिया बाहर आए तो उन्होंने देखा कि एक हिरण मौके पर मृत पड़ा था। उन्हें कुछ लोग वहां से भागते दिखे। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। थानाधिकारी संपत सिंह, वन्य जीव प्रेमी सीपी विश्नोई रात को पहुंचे और हिरण के शव को लेकर मेड़ता रोड आ गए। मगर सूचना के बावजूद मेड़ता वन विभाग के कर्मचारी न तो मौके पर आए और न ही मोबाइल पर संतोषप्रद जवाब दिया।
प्रदर्शन के बाद पहुंचे अधिकारी
वन विभाग के कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर गुरुवार सुबह दस बजे जीव रक्षा समिति के जिलाध्यक्ष नाथूराम भांभू, प्रेमसुख विश्नोई, रामेश्वर डारा, सहदेव, कालूराम ऐचरा, खेताराम, रामू राम डारा सहित लोग हिरण के शव को लेकर थाने के सामने आ गए और शव को गेट के बीच में रख दिया। चार घंटे बाद नागौर से मेड़ता सिटी से रेंजर प्रभारी श्रीराम फरड़ौदा दोपहर दो बजे वहां पहुंचे। उन्होंने नागौर डीएफओ वेदप्रकाश गुर्जर से बात की। आश्वासन दिया कि वन विभाग के कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। इस बात पर समझौता होने पर दोपहर ढाई बजे मृत हिरण उठाया और पोस्टमार्टम के बाद शव दफनाया गया।
जिले में लगातार हो रही है घटनाएं
नागौर जिले में हिरण शिकार की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हाल ही डेगाना के पास चांदारूण में भी हिरण की मार दिया गया। जिले के रोहिणी गांव में तो कई साल से हिरण मारकर उसका मांस बेचने का खुलासा हुआ। ऐसा करने वाले एक आदमी को पकड़ा भी गया, लेकिन इस पूरे प्रकरण में अभी तक ठोस कार्रवाई न होने से इन शिकारियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
प्रदर्शन के बाद पहुंचे अधिकारी
वन विभाग के कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर गुरुवार सुबह दस बजे जीव रक्षा समिति के जिलाध्यक्ष नाथूराम भांभू, प्रेमसुख विश्नोई, रामेश्वर डारा, सहदेव, कालूराम ऐचरा, खेताराम, रामू राम डारा सहित लोग हिरण के शव को लेकर थाने के सामने आ गए और शव को गेट के बीच में रख दिया। चार घंटे बाद नागौर से मेड़ता सिटी से रेंजर प्रभारी श्रीराम फरड़ौदा दोपहर दो बजे वहां पहुंचे। उन्होंने नागौर डीएफओ वेदप्रकाश गुर्जर से बात की। आश्वासन दिया कि वन विभाग के कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। इस बात पर समझौता होने पर दोपहर ढाई बजे मृत हिरण उठाया और पोस्टमार्टम के बाद शव दफनाया गया।
जिले में लगातार हो रही है घटनाएं
नागौर जिले में हिरण शिकार की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हाल ही डेगाना के पास चांदारूण में भी हिरण की मार दिया गया। जिले के रोहिणी गांव में तो कई साल से हिरण मारकर उसका मांस बेचने का खुलासा हुआ। ऐसा करने वाले एक आदमी को पकड़ा भी गया, लेकिन इस पूरे प्रकरण में अभी तक ठोस कार्रवाई न होने से इन शिकारियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment