नागौर। जाम्भाणी संगीत के महारत हासिल कलाकार एवं साखी गायन के विशेष स्तम्भ श्रीराम गायणा निवासी पोलास बिश्नोईयान तहसील डेगाना जिला नागौर (राज.) का देहान्त 19 जनवरी 2013 को हो गया। जिससे समाज को संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।
उल्लेखनीय है कि 74 वर्षीय श्रीरामजी ने किशोरावस्था में ही जाम्भोजी की साखियाँ गाने का जबरदस्त अभ्यास कर लिया था। जाम्भाणी भजन और कथागायन में आप विशेष योग्यता रखते थे। आपने लगभग साठ वर्षों तक बिश्नोई समाज में जाम्भोजी के जागरण लगाकर अनुकरणीय सेवाएं की। इसके साथ ही जाम्भाणी संगीत को मजबूती प्रदान की। आपने अपने तीनों पुत्रों को साखी गायन विद्या सिखाकर भावी पीढ़ी में भी जाम्भाणी संगीत के संस्कार भरे हैं। विशेष बात यह है कि आपके ससुर स्व. चोखारामजी गायणा निवासी पीलवा जिला जोधपुर समाज के सुप्रसिद्ध गायक और साखी गायन विद्या में महारत हासिल थे। आप दोनों की जोड़ी ने असंख्य जागरणों में जाम्भाणी संगीत को आकर्षक तरीके से प्रस्तुत कर जागरण परम्परा को निरन्तर रखा। आपकी सेवाएं हमेशा प्रेरणा देती रहेगी और आपका नाम जाम्भाणी संगीत के स्तम्भों में इतिहास के पन्नों पर हमेशा रहेगा। श्रीरामजी के निधन से सम्पूर्ण बिश्नोई समाज को क्षति हुई है। दिंवगत आत्मा को शांति प्रदान करने एवं उनके परिवार को यह दुःख सहन करने की क्षमता प्रदान करने हेतु ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।
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