नियोल गांव (सूरत) में बिश्नोई समाज कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों में परम पूज्य स्वामी श्री भागीरथदासजी आचार्य, बलदेवानंद जी, गायक कलाकार राजूराम जी, स्वामी सदानंद जी आदि मोजूद थे। शनिवार रात्रि जागरण व रविवार को हवन ,पाहल और महापर्शाद का आयोजन किया गया.
सभा संबोधन - मुख्य अतिथि के तौर पर गुरूजी, मुंबई, अहमदाबाद, वड़ोदरा, नवसारी और वापी से आये हुए मेहमानों ने उद्घाटन समारोह के दौरान समाज को संबोधित करते हुए युवाओं की सराहना की और कहा कि समाज की जिम्मेदारी युवाओं पर है और आज का युवा इतना सक्षम है कि समाज को नई दिशा देने के लिए युवाओं को आगे आना ही होगा और युवा संगठन को मजबूत बनाने के लिए हर संभव सहयोग किया जायेगा । उन्होंने कहा कि संगठन को खेलकूद या समय समय पर ज्ञान वर्धक प्रतियोगता का आयोजन करना चाहिए। किशन बिश्नोई ( खिलेरी) पीकेएमजी ने कहा की हम समाज के उन सभी लोगों को सूचित करे जो सूरत, मुंबई , देश ओर विदेश मैं रहते हैं, किसी से सीधे जाके मिले, किसी से फोन के द्वारा और किसी से इन्टरनेट के जरिए विचार जाने और एक आतम मंथन किया तो आज इस सोच का जनम हुआ.
कुरीतियाँ: हम लोग हमारा समाज प्रगटी कर रहे हैं ठीक उसी तरह से आज समाज में बहुत कुरीतियाँ पैर पसार रही हैं. जैसे - बाल विवाह,दहेज प्रथा, नशावृति, मृत्युभोज इन सब को रोकने के लिए युवा पीढ़ी को आगे आना होगा। कोई भी देश कोई भी समाज तभी प्रगति कर सकता हैं जब उसका युवा वर्ग एक चेतना लाने की सोच मन में ठान ले कि हाँ हम मिलकर कार्य करेंगे ,कोई भी पावन कार्य शुरु करने के लिए उसके पीछे एक सच्ची नीयत, एक बड़ी सोच और उस कार्य को करने की इच्छाशक्ति,दृढ संकल्प बहुत महत्वपूर्ण है।
सत्संग जागरण - बिश्नोई धर्मशाला नियोल गाँव, सूरत, (गुजरात) दिनांक 29 दिसम्बर 2012 शनिवार रात्रि को भजन संध्या हुई जिसमे संत बलदेवानन्दजी जूनागढ़, आकाशवाणी कलाकार राजू महाराज आदि कलाकारों ने भजन संध्या को रंगारंग रूप दिया , 30 दिसम्बर 21012 को प्रातः सदगुरुदेव स्वामी भागीरथदास आचार्य के द्वारा हवन, पाहल और महाप्रसादी का आयोजन किया गया।
समाज सर्वोतम: समाज सर्वोत्तम है ये कहते हुए सदगुरुदेव स्वामी भागीरथदास आचार्य कहा के जो लोग समाज के नियमो का उल्लंघन करते है समाज को उनकी कोई जरुरत नहीं है।