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Monday 31 December 2012

बिश्नोई समाज - सूरत का प्रोग्राम संपन...


नियोल गांव (सूरत) में बिश्नोई समाज कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों में परम पूज्य स्वामी श्री भागीरथदासजी आचार्य, बलदेवानंद जी, गायक कलाकार राजूराम जी, स्वामी सदानंद जी आदि मोजूद थे। शनिवार रात्रि जागरण व रविवार को हवन ,पाहल  और महापर्शाद का आयोजन किया गया.
सभा संबोधन - मुख्य अतिथि के तौर पर गुरूजी, मुंबई, अहमदाबाद, वड़ोदरा, नवसारी और  वापी  से आये हुए मेहमानों  ने उद्घाटन समारोह के दौरान समाज को संबोधित करते हुए युवाओं की सराहना की और कहा कि समाज की जिम्मेदारी युवाओं पर है और आज का युवा इतना सक्षम है कि समाज को नई दिशा देने के लिए युवाओं को आगे आना ही होगा और युवा संगठन को मजबूत बनाने के लिए हर संभव सहयोग किया जायेगा । उन्होंने कहा कि संगठन को खेलकूद या समय समय पर ज्ञान वर्धक प्रतियोगता का आयोजन करना चाहिए। किशन बिश्नोई ( खिलेरी) पीकेएमजी ने कहा की हम समाज के उन सभी लोगों को सूचित  करे जो सूरत, मुंबई , देश ओर विदेश मैं रहते हैं, किसी से सीधे जाके मिले, किसी से फोन के द्वारा और किसी से इन्टरनेट के जरिए विचार जाने और एक आतम मंथन किया तो आज इस सोच का जनम हुआ.
कुरीतियाँ: हम लोग हमारा समाज प्रगटी कर रहे हैं ठीक उसी तरह से आज समाज में बहुत कुरीतियाँ पैर पसार रही हैं. जैसे - बाल विवाह,दहेज प्रथा, नशावृति, मृत्युभोज इन सब को रोकने के लिए युवा पीढ़ी को आगे आना होगा। कोई भी देश कोई भी समाज तभी प्रगति कर सकता हैं जब उसका युवा वर्ग एक चेतना लाने की सोच मन में ठान ले कि हाँ हम मिलकर कार्य करेंगे ,कोई भी पावन कार्य शुरु करने के लिए उसके पीछे एक सच्ची नीयत, एक बड़ी सोच और उस कार्य को करने की इच्छाशक्ति,दृढ संकल्प बहुत महत्वपूर्ण है।
सत्संग जागरण - बिश्नोई धर्मशाला नियोल गाँव, सूरत, (गुजरात) दिनांक 29 दिसम्बर 2012 शनिवार रात्रि को भजन संध्या हुई जिसमे संत बलदेवानन्दजी जूनागढ़, आकाशवाणी कलाकार राजू महाराज आदि कलाकारों ने भजन संध्या को रंगारंग रूप दिया , 30 दिसम्बर 21012 को प्रातः सदगुरुदेव स्वामी भागीरथदास आचार्य के द्वारा हवन, पाहल और महाप्रसादी का आयोजन किया गया।
समाज सर्वोतम: समाज सर्वोत्तम है ये कहते हुए सदगुरुदेव स्वामी भागीरथदास आचार्य  कहा के जो लोग समाज के नियमो का उल्लंघन करते है समाज को उनकी कोई जरुरत नहीं है।

Friday 21 December 2012

काले हिरण के दो शिकारी दबोचे


हिसार। लांधड़ी गांव में गुरुवार 21 दिसम्बर 2012 की रात दो लोगों ने एक काले हिरण की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद हत्यारों ने हिरण के सींग, खोपड़ी और टांगे काट कर खेत में फेंक दी। घटना की सूचना वन्य प्राणी विभाग को दी गई जिसके बाद विभाग के अधिकारियों ने हिरण के हत्यारों को उनके घर से हिरण का कच्चा मांस, उसकी खाल सहित दबोच लिया है। आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी अधिनियम 1972 की धारा दो के तहत केस दर्ज कर लिया है। शनिवार को इन्हें पर्यावरण कोर्ट कुरुक्षेत्र में पेश किया जाएगा।
गांव में काले हिरण के मारे जाने की जानकारी शुक्रवार को किसी ने अखिल भारतीय जीव रक्षा हिसार शाखा अध्यक्ष बनवारी लाल बिश्नोई को दी थी। इसके बाद वन्य प्राणी विभाग को भी सूचना दी गई। इंस्पेक्टर कृष्ण लाल सैनी और एसआई रामेश्वर दास के साथ जीव रक्षा के सदस्य गांव लांधड़ी निवासी सत्यवान के घर पहुंचे। जहां से टीम ने करीब 35 किलोग्राम हिरण का मांस, उसकी खाल बरामद की। यहां मौजूद सत्यवान और रामचंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपियों ने हिरण मारने की बात स्वीकार की है। इसके अलावा वन्य प्राणी विभाग ने गांव के ही एक खेत से हिरण के सींग, टांगें व खोपड़ी बरामद की है। वन्य प्राणी विभाग के सबइंस्पेक्टर रामेश्वरदास ने बताया कि गांव लांधड़ी के रामचंद्र और सत्यवान ने गुरुवार रात काले हिरण की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सत्यवान के घर से मिली हिरण की खाल में छर्रे लगे होने की पुष्टि हुई है। करीब 35 किलोग्राम मीट, हिरण की खाल, सींग व अन्य सामान बरामद किया है। गांव लांधड़ी, चिकनवास और अग्रोहा के तीन पशु चिकित्सकों ने हिरण का पोस्टमार्टम किया। हिरण को जिस बंदूक से गोली मारी गई, वह लाइसेंसी है। दोनों आरोपी खेतों की सुरक्षा का काम करते हैं।