Pages

Subscribe:

Sample Text

Sunday 10 February 2013

हिरणों के अस्तित्व पर मंडराया खतरा


फतेहाबाद। गोरखपुर परमाणु संयंत्र के लिए गांव बड़ोपल की 185 एकड़ भूमि पर आवासीय कालोनी के लिए अब प्रशासन ने जमीन का अधिग्रहण कर तारबंदी शुरू कर दी है। निर्माण कार्य शुरू होने के कारण वहां हजारों की संख्या में विचरण करने वाले हिरणों का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है। सरकार द्वारा परमाणु संयंत्र की आवासीय कालोनी ऐसे स्थान पर बनाई जा रही है, जहां पर सैंकड़ों की संख्या में हिरण विचरण करते हैं परंतु आवासीय कालोनी वाली भूमि पर निर्माण कार्य शुरू करने के कारण अब विलुप्त होने की कगार पर खड़े हिरणों के लिए मुश्किल और बढ़ गई है।  बड़ोपल गांव एक ऐसा क्षेत्र है, जहां पर इतनी बड़ी संख्या में हिरण विचरण करते हैं लेकिन समस्या तो हिरणों के लिए सरकार ने खड़ी कर दी है। जिस स्थान पर हिरणों के लिए हिरण विहार बनना था, वहां पर सरकार ने नया शहर बसाने की तैयारी कर ली है जिससे हजारों की संख्या में विचरण करने वाले हिरण व अन्य जंगली जीवों का अंत शुरू हो गया है।
अखिल भारतीय बिश्रोई जीव रक्षा संगठन व लाइफ फार एनीमल संगठन द्वारा अनेक बार हिरणों के बचाव के लिए रैली व प्रदर्शन किए गए लेकिन अभी तक इस बारे में प्रशासन ने किसी प्रकार का कोई कदम नहीं उठाया, जिससे वन्य जीवों की जान बचाई जा सके। एक ओर तो वीरान भूमि जहां पर वन्य जीव विचरण करते हैं, वहां पर आवासीय कालोनी बनाने की तैयारी की जा रही है, दूसरी ओर अनेक किसानों ने फसलों के बचाव हेतु खेत की तारबंदी कर रखी है और फसल की रखवाली के लिए शिकारी रखवाले भी रखे हुए हैं। ऐसे माहौल में विचरण करने वाले हिरण व अन्य वन्य जीव आखिर कहां जाएं?
किसान वन्य जीवों के लिए भूमि देने का तैयार
बड़ोपल गांव के हीरालाल जांगू, सतबीर कड़वासरा, रोहताश व रामकुमार आदि किसानों का कहना है कि वे अपनी उपजाऊ जमीन वन्य जीवों को बचाने के लिए सरकार को उचित रेट पर देने को तैयार हैं जिससे वन्य जीवों की जान बचाई जा सके।
सरकार ने नहीं बनाई सैंचुरिन तो नहीं बचेंगे हिरण
वन्य जीव प्रेमी विनोद कड़वासरा व राधेश्याम धारणियां ने बताया कि यदि सरकार ने हजारों वन्य जीवों को बचाने के लिए सैंचुरिन नहीं बनाया तो दुर्लभ प्रजाति के हिरण नहीं बचेंगे। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में हिरणों का होना मुख्य कारण वैष्णव समाज के लोगों का होना है। उन्होंने बताया कि बिश्रोई समाज के लोगों ने कई बार वन्य जीवों का बचाने के लिए अनेक बार रैली निकाली व उपायुक्त  को ज्ञापन सौंपा लेकिन इन्हें बचाने के लिए कोई विशेष कार्रवाई नहीं की गई।

साभारः पंजाब केसरी दिनांक 10 फरवरी 2013

0 टिप्पणियाँ:

Post a Comment