भादरा। तहसील के ग्राम मुन्सरी में स्थित श्री गुरु जम्भेश्वर पब्लिक स्कूल के प्रांगण में श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था राजस्थान एवं शाला समिति के संयुक्त तत्वावधान में पर्यावरण एवं जीवरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि साहित्यकार रामरतन बिश्नोई ने प्रकृति के साथ छेड़छाड़ नहीं करने, वन्यजीव एवं पेड़ पौधों की रक्षा करने का आह्वान किया। उन्होनें सुनी हुई प्रत्येक अच्छी बात को धारण करने की प्रेरणा दी। श्री बिश्नोई ने बताया कि गाय के घी का हवन करने से प्राणवायु सृजित होती है। पेड़ पौधे भी प्राणवायु देते हैं । घर की पर्यावरण शुद्धि के लिए प्रतिदिन हवन करने का विधान ऋग्वेद में लिखा है। उन्होनें बताया कि अग्नि किसी भी वस्तु को भस्म नहीं करती है बल्कि उसको सूक्ष्म रूप में परिवर्तित कर देती है। उन्होनें परोपकार करने के साथ ही नशामुक्त जीवन जीने की प्रेरणा दी। श्री बिश्नोई ने कहा कि मनुष्य अपने सद्कर्मों से देवता बन सकता है। बुरे कर्मों से राक्षस बन सकता है। भक्ति द्वारा स्वर्ग एवं मोक्ष की प्राप्ति भी कर सकता है। उन्होनें भावी पीढ़ी में धार्मिंक संस्कार भरने की प्रेरणा उपस्थित जनसमूह को दी। समारोह के बाद प्रदेशाध्यक्ष ने नीम का पौधा लगाकर वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। विशिष्ट अतिथि श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था के प्रदेश महामंत्री भानूसिंह सियाग ने कहा कि आज का मानव मुख्य उद्देश्य से भटक चुका है। आधुनिकता का अंधा अनुकरण उसको भटकाने में सहयोग कर रहा है। जन जन का कर्तव्य है कि वे प्रकृति को पोषण करने वाले काम करें। विशिष्ट अतिथि श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था के प्रदेश महामंत्री एवं मानद् वन्यजीव प्रतिपालक हनुमानगढ़ अनिल धारणियां ने सार्वजनिक स्थानों पर पौधे लगाना, पौधों की सुरक्षा करना और शिकार को रोकने में मदद करने का आह्वान किया। विशिष्ट अतिथि श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था के प्रदेश संगठन मंत्री लक्ष्मीनारायण भादू ने पर्यावरण की परिभाषा में आकाश, वायु, तेज, जल और धरणी का महत्व उजागर किया। श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था भादरा के तहसील अध्यक्ष ओमप्रकाश ईशरवाल ने पर्यावरण संरक्षण, वन्यजीव सुरक्षा, नशामुक्त जीवन और संस्कार निर्माण के कार्यक्रमों में जनसहयोग की अपील की। वयोवृद्ध नागरिक रामसिंह मेहला ने निःस्वार्थ भाव से पेड़ पौधों एवं वन्यजीवों की सेवा करते रहने की बात पर जोर दिया। जाति पांति के भेद को छोड़कर ‘वासुधेव कुटुम्बकम’ की भावना को अपनाने की बात कही। दयाराम मेहला, गंगाधर मुन्सरी, सुरेन्द्र मुन्सरी, रिछपाल कासणियां, घासीराम राजौरा ने भी अपने विचार रखे। राजकीय माध्यमिक विद्यालय करणपुरा के प्रधानाध्यापक हरीसिंह बिश्नोई ने मंच का संचालन करते हुए सभी का स्वागत किया और पर्यावरण संरक्षण की बात पर जोर दिया। श्री गुरु जम्भेश्वर पब्लिक स्कूल के निदेशक जगदीश बिश्नोई ने सभी आगन्तुकों का आभार ज्ञापित किया।